समृद्धि, उन्नति और तरक्की तो अलग बाते इन सबसे दूर बिता सकून पाकर बहुत रोया। समृद्धि, उन्नति और तरक्की तो अलग बाते इन सबसे दूर बिता सकून पाकर बहुत रोया।
कब समझेंगे ये साज़िश को हम की हम खुद से कितने दूर हुए हैं। कब समझेंगे ये साज़िश को हम की हम खुद से कितने दूर हुए हैं।
वापसी पर वापसी पर
बस जायेंगे उत्तराखंड के गाँव फिर से, पलायन शब्द पहाड़ों में फिर कभी गूंज नहीं पायेगा। बस जायेंगे उत्तराखंड के गाँव फिर से, पलायन शब्द पहाड़ों में फिर कभी गूंज नहीं ...
पानी इतना भी गहरा ना था कि मैं वापस ना आ सका। पानी इतना भी गहरा ना था कि मैं वापस ना आ सका।
वापसी का दिखता, अब ना कोई रास्ता है। वापसी का दिखता, अब ना कोई रास्ता है।